निगम ने अब स्वच्छता की ब्रांडिंग मुफ्त में करना बंद कर दिया है। इसके लिए वह प्रति व्यक्ति के हिसाब से सात हजार रुपये की फीस वसूल रहे हैं। हाल ही में निगम ने हुडको के तीन प्रदेशों वाले दल से 1.33 लाख रुपये कमा लिए हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और निकायों को स्वच्छता के लिए इंदौर मॉडल को सीखने की नसीहत भी दी है।
इसी का नतीजा यह है कि जिस भी शहर में स्वच्छता का काम शुरू होता है वह एक टीम को इंदौर भेज देते हैं। जिसमें अधिकारियों का काफी पैसा और समय खर्च हो रहा है। कई बार ऐसा भी होता है कि टीम अचानक आ जाती हैं और निगम अधिकारियों को दूसरे कार्यक्रम रद्द करने पड़ते हैं।
अब जल्द ही स्वच्छता सर्वे शुरू होने वाला है। ऐसे में अधिकारी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को शेड्यूल के साथ ही चलाना चाहते हैं। लिहाजा फीस वसूलना शुरू कर दिया गया है। इसका असर यह है कि अब जो वाकई में कुछ सीखना चाहते हैं केवल वे ही इंदौर आ रहे हैं। इन दलों से समन्वय की जिम्मेदारी अपर आयुक्त रजनीश कसेरा को सौंपी है।