भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी और राज्यसभा सदस्य ने ऑफ द रिकार्ड कहा कि राजनीति में बहुत कुछ चलता रहता है। आप सबको संतुष्ट नहीं कर सकते। शीर्ष नेतृत्व दमदार हो तो विभीषण नहीं पैदा हो पाते।
भाजपा नेता का कहना है कि हर पार्टी में कई मुख्यमंत्री के चेहरे होते हैं। बनता कोई एक है। सवाल यह है कि पार्टी और संगठन पर शीर्ष नेतृत्व की पकड़ कैसी है। भाजपा नेता का कहना है कि ज्योतिरादित्य की तरह इससे पहले अजीत पवार भी भाजपा के साथ आए थे, लेकिन शरद पवार के मजबूत जबड़े से अजीत पवार को नहीं खींचा जा सका।
साथ आए विधायक भी लौट गए थे। मध्यप्रदेश भाजपा के एक अन्य नेता का कहना है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जब दमदार होता है तो विभीषण पैदा होने की गुंजाइश न के बराबर रहती है। अभी राजनीति का कई खेल बाकी है।
बताते हैं कि मध्यप्रदेश में राजनीति के अभी कई खेल बाकी हैं। भाजपा के लिए पहली दुविधा अपना मुख्यमंत्री का चेहरा और मंत्रिमंडल का बंटवारा करने की है। दूसरी बड़ी दुविधा राज्य में होने वाले उपचुनाव में कम से कम 10-12 सीटें जीतने की भी हैं।