कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने कहा है कि कम या अधिक वर्षा और मौसम की प्रत्येक परिस्थिति में कृषकों को नुकसान से बचाने तथा हर स्थिति में उन्हें आर्थिक रूप से लाभ में रखने की कृषि कार्ययोजना बनाने और अमल में लाने की जरूरत है । इसके लिये समन्वित प्रणाली से कृषि करने, फसल, प्रजाति और कृषि तकनीक में विविधता लाने की आवश्यकता है । उन्होंने अंतरवर्तीय फसलों, उद्यानिकी फसलों और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिये । संभाग में रबी के दौरान कृषकों को उनकी मांग के अनुसार समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज सहित अन्य कृषि आदान की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा दिये गये ।
बैठक में गत खरीफ की समीक्षा और रबी की व्यवस्थाओं की कार्ययोजना की समीक्षा की गयी । बैठक में प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी, संभागायुक्त राजेश बहुगुणा, संचालक कृषि मुकेश शुक्ला, प्रबंध संचालक मार्कफेड, प्रबंध संचालक बीज एवं फार्म विकास निगम, प्रबंध संचालक बीज प्रमाणीकरण, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी विभागों के विभाग प्रमुख अधिकारी जबलपुर कलेक्टर भरत यादव सहित संभाग के जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संबंधित विभागों के संभागीय एवं जिला अधिकारी मौजूद थे ।
इस उच्च स्तरीय बैठक में संभागायुक्त राजेश बहुगुणा की प्रेरणा से प्रारंभ किये गये नवाचार समन्वित प्रणाली से कृषि के अंतर्गत प्रत्येक जिले में प्रारंभ हुए प्रयासों को कृषि उत्पादन आयुक्त ने सराहा । पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन, कृषि विभागों के विभाग प्रमुख अधिकारियों ने संभागायुक्त की प्रेरणा से उनके विभाग के अंतर्गत हुए कार्यों को कृषकों में लोकप्रिय और उपयोगी बताया गया ।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में जहां भी कृषि क्षेत्र में समन्वित कृषि, फसल विविधता तथा उपयोगी तकनीक का प्रयोग हुआ है । उन क्षेत्रों में अधिक वर्षों के दौरान भी अच्छा उत्पादन कृषकों ने प्राप्त किया है । उन्होंने कहा कि समन्वित कृषि प्रणाली के अंतर्गत संभाग में कृषकों को जागरूक करने की दिशा में भी अच्छा कार्य हुआ है ।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने जिलावार फसल, उत्पादन तथा उत्पादकता, बीज-खाद, कीटनाशक दवाइयों की मांग उपलब्धता आपूर्ति की समीक्षा की । बैठक में किसानों को ऋण वितरण, जय किसान ऋण माफी योजना की समीक्षा की गयी । खाद-बीज, कीटनाशक दवाओं के गुण नियंत्रण के लिये अभियान के रूप में कार्य करने, अमानक पाये गये नमूनों पर सख्त कार्यवाई के निर्देश दिये गये । कहा गया कि कृषकों को प्रमाणित उन्नत बीज की उपलब्धता सुगमता से रहे । बाजार में उपलब्ध सभी बीजों के नमूने लेकर परीक्षण कराया जाय । हितग्राहियों को कृषि यंत्रों के लिये ऑनलाइन पंजीयन तथा अनुदान राशि प्रापत करने में असुविधा नहीं होने पाये ।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने उद्यानिकी की समीक्षा करते हुए कहा कि उद्यानिकी क्षेत्र में वृद्धि की जाये तथा उद्यानिकी फसल उत्पाद की प्रोसेसिंग सुविधा भी विकसित की जाय । उन्होंने कहा कि शासन तथा नाबार्ड की अनेक योजनायें हैं । जिका लाभ कृषकों को दिलायें । उन्होंने बताया कि उज्जैन जिला में कृषि क्षेत्र के 25 प्रतिशत क्षेत्र को उद्यानिकी फसलों से आच्छादित कर बेहतर कार्य किया गया है । इसी तरह के कार्य की उन्होंने अपेक्षा की ।
संभागायुक्त ने कहा कि समन्वित कृषि प्रणाली इस लक्ष्य को पाने के लिये उपयोगी साबित होगी ।