मध्य प्रदेश कांग्रेस में नेताओं के बीच खींचतान, मनमुटाव और दूरियां कम होती दिख रही है। इसकी शुरुआत पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से हुई, जिन्होंने मंगलवार को भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की।
कांग्रेस नेतृत्व ने बारी-बारी राज्य के तीनों गुटों के नेताओं कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय सिंह से बातचीत की थी। इसके बाद नेताओं की एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी और शिकायतों के बाद मामला अनुशासन समिति को सौंपा गया है।
पिछले दिनों कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार और संगठन के बीच तालमेल बैठाने और आपस में बैठक कर जनता से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के निर्देश दिए थे। सिंधिया की कमलनाथ से मुलाकात के पीछे का कारण उनके क्षेत्र से संबंधित विकास कार्य बताए जा रहे हैं, जिन्हें गति दिलाने के लिए वे राजधानी भोपाल गए थे। स्पष्ट है कि दोनों नेताओं के बीच सरकार बनने के बाद से ही तल्खी रही है।