100 से अधिक मामले एफआईआर सिर्फ एक पर
दोषी कर्मचारियों, हितग्राहियों को बचाने लगा रहे जुगत
प्रकाश प्यासी,
पनागर नगर पालिका में पूर्व सीएमओ के कार्यकाल में आवास योजना सहित अन्य कार्यों में करोड़ों रु का घोटाला हुआ था, विश्वस्त सूत्रों की माने तो उक्त मामले में नगर पालिका के कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते इतने बड़े भ्रस्टाचार को अंजाम दिया गया था, पूरे मामले में अगर कार्यवाही होती है तो कई लोगों पर गाज गिर सकती है। जिसे दबाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है, नगर पालिका में आवास योजना के नाम पर लगभग 100 अपात्र हितग्राहियों के खाते में बिना डीपीआर किश्तें दे दीं, उनमे से कई ऐसे हैं जिनके संबंध नेताओं से हैं अगर पूरे मामले का खुलासा होता है तो नगर पालिका में किये गए करोड़ों रुपयों का भ्रस्टाचार का खुलासा हो सकता है।
100 से अधिक मामले पर एफआईआर सिर्फ 1 पर
नगर पालिक द्वारा हाल में की जा रही जांच में आवास योजना में बिना डीपीआर के अब तक 53 हितग्राहियों के नाम सामने आये है, जिन्हें बिना डीपीआर के किश्ते दी गईं, जिन पर मामला दर्ज किया जाना था, पर अधिकारियों, ओर अपने खास हितग्राहियों को बचाने के चक्कर मे नगर पालिका द्वारा कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई, नगर पालिका सीएमओ द्वारा पनागर थाने में दिए गए शिकायत पत्र में सभी 53 लोगों के नाम दिए जाने थे जिन पर मामला दर्ज कर उनसे राशि की बसूली की जानी थी, पर नगर पालिका द्वारा सिर्फ 1 हितग्राही पर फर्जी पट्टा का मामला दर्ज कराया गया जबकि उक्त हितग्राही द्वारा खाते में आई 1 लाख रुपये की राशि में से लगभग 50 हजार रुपये नगर पालिका को वापस कर दिया गया था, हालांकि इस कार्यवाही में नगर पालिका द्वारा दी गई शिकायत पर पनागर थाने में राहुल व्यास एवं मिनी विश्वकर्मा पर भी धारा 420, 467,468, 471 एवं 201 के तहत कार्यवाही की गई है,