4 माह का दो – दो विभागों से जारी हुआ एक साथ वेतन, अब वापस लेने आ रहा पसीना
पनागर (जबलपुर) :-
जनपद शिक्षा केन्द्र पनागर में फर्जी तरीके से बिना प्रतिनियुक्ति के बीजीसी और बीआरसी बनने का मामला और फिर प्रशासन के गहरी नींद से जागकर प्रतिनियुक्ति समाप्ति की कार्यवाही का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि वही सहायक शिक्षिका ,बीआरसी पनागर और लेखापाल के द्वारा वंदना तिवारी का चार माह का वेतन लगभग दो लाख अड़सठ हज़ार रुपये वेतन का गलत भुगतान करने का वेतन घोटाला उजागर हुआ है । इस खेल में ये तीनो की मिलीभगत के बिना वेतन भुगतान सम्भव नहीं था ।
कैसे हुआ वेतन घोटाला
राज्य सरकार ने अपने नियमित कर्मचारियों को सातवां वेतनमान स्वीकृत किया चूँकि सातवें वेतनमान के वेतन का भुगतान आईएफएमएस पोर्टल से किया जाना था जो कि शिक्षा विभाग में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के डीडीओ से स्वीकृत किया जाता है , वंदना तिवारी जनपद शिक्षा केन्द्र पनागर में कार्य कर रही थीं और इनका डीडीओ बीआरसी पनागर था , अतः सातवें वेतनमान के भुगतान के लिए बीआरसी और लेखापाल ने इनको अपने डीडीओ से विकासखंड शिक्षा अधिकारी के डीडीओ में ट्रांसफर कर दिया और अप्रैल 2018 से जुलाई 2018 तक चार माह के वेतन का भुगतान नियमानुसार विकासखंड शिक्षा अधिकारी के डीडीओ से किया गया परंतु इस दौरान सहायक शिक्षिका , बीआरसी ठाकुर प्रसाद पटेल और लेखापाल नम्रता श्रीवास्तव ने इनके डीडीओ में वंदना तिवारी की पदस्थापना दर्ज न होने के बाद भी लगातार चार माह का लाखों का वेतन भुगतान कर बड़ा वेतन घोटाला किया गया । यही नहीं एक साथ दो स्थानों से वेतन जारी होने की जानकारी जैसे ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी को लगी उन्होंने रिकवरी का आदेश जारी कर दिया उसके बाद भी सहायक शिक्षक वंदना तिवारी ने वेतन लौटाने से इंकार कर दिया ।
वेतन घोटाले से लगा सरकार को लाखों रु का चूना
फर्जीबाड़ा करके एक कर्मचारी का लगातार चार महीनों के लाखों रुपये के वेतन का गलत भुगतान करने से सरकार के खजाने को चूना लगाया गया है ।
वेतन घोटाला करने वाले कर्मचारी निश्चिंत
वेतन घोटाले में शामिल बीआरसी ठाकुर प्रसाद पटेल , लेखापाल नम्रता श्रीवास्तव और सहायक शिक्षक वंदना तिवारी इतने गम्भीर वित्तीय अपराध करने के बाद भी निश्चिंत नज़र आते हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनके ऊपर वरिष्ठ अधिकारी किस तरह मेहरबान है ।