मध्यप्रदेश बॉर्डर में लॉकडाउन होने की वजह से दूसरे राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुश्किलों से बचने के लिए भारी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर को लौट रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को महाराष्ट्र – मध्यप्रदेश बॉर्डर के सेंधवा कस्बे के निकट सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों ने घर जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं होने पर जमकर हंगामा और पथराव कर दिया। महाराष्ट्र से प्रवासी श्रमिकों की भारी संख्या में जमा होने से प्रशासन पर भारी दबाव बना हुआ है। वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि हम श्रमिकों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करेंगे। सरकार ने कहा कि पिछले तीन दिन में सेंधवा के पास सीमा पर से 15,000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इस 42 डिग्री तापमान में प्रदर्शन कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन की भी व्यवस्था नहीं की गई थी। भूखे होने की वजह से वे और ज्यादा आक्रोषित होकर पथराव करने लगे। हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ। उन्होंने आगे बताया कि यहां मध्यप्रदेश के सतना, रीवा, अनूपपुर और अन्य जिलों के साथ ही अन्य राज्यों के लोग भी यहां फंसे हुए हैं।
बड़वानी के जिलाधिकारी अमित तोमर के अनुसार प्रवासियों को यहां से 135 बसों से विभिन्न जिलों में बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भेजा गया है। उचित संख्या में परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रवासियों के लिए अधिक से अधिक संख्या में बसों की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है। ताकि उनके घरों तक भेजा जा सके। प्रदेश सरकार ने बताया कि स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें नि:शुल्क बसों के माध्यम से देवास के ट्रांजिट सेंटर पर पहुंचाया जा रहा है और वहां से उन्हें सागर, छतरपुर, गुना और शिवपुरी के लिए रवाना किया जा रहा है।