मध्यप्रदेश में गौशाला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए शिवराज सरकार भले ही लाख प्रयास कर रही हो लेकिन मैदानी स्तर पर सही ढंग से क्रिया नमन ना होने की वजह से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। हालात यह है कि जिन गोवंशओं की देखरेख और पालन के लिए सरकार करोड़ों की राशि पानी की तरह बहा रही है वहीं इन गौवंशो को कोई दो घूंट पानी तक पिलाने वाला नहीं है । यही कारण है कि भूखे प्यासे आवारा मवेशी इधर से उधर घूमते रहते हैं और बेमौत अपनी जान गवाने को मजबूर हैं।
कहने को तो उमरिया जिले में चार नई गौशालाओं का निर्माण कराया गया है पिछली सरकार ने यहां पर वह सभी सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी हैं जो गौशालाओं में होनी चाहिए लेकिन हद तो तब हो गई जब गौशाला होने के बावजूद गोवंशओं के लिए कहीं कोई ठिकाना नहीं मिला और हालात यह है कि उमरिया जिला मुख्यालय से लेकर पाली ब्लॉक के हर एक गांव तक गोवंशओं का झुंड आवारगी का शिकार है।
गोवंश को लेकर यह बदहाली का आलम और जिले का है जहां की विधायक सुश्री मीना सिंह ने खुद प्रदेश में कैबिनेट मंत्री हैं बावजूद इसके माननीय मंत्री के अपने ही गांव घर में गोवंशओं की दुर्दशा देखने को मिल रही है। जिस गाय को अपनी माता का दर्जा देकर यहां की विधायक भोपाल तक का सफर तय किया आज से मंत्री को उन गौवंशो की फिक्र तक नहीं है। अब देखना यह होगा कि आखिर उमरिया जिले में बनाई गई नई गौशालाओं का लाभ आवारा पशुओं को कब तक मिल सकेगा।
ब्यूरो रिपोर्ट -उमरिया से फैज मोहम्मद की रिपोर्ट