मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ 21 अक्तूबर के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इस विस्तार के साथ ही वे मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल कर सकते हैं। इस बार फेरबदल में कुछ नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है तो कुछ पुराने चेहरे को नया विभाग सौंपा जा सकता है।
इस समय मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में छह पद खाली है। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सीएम कमलनाथ तमाम मंत्रियों के कामकाज का रिव्यू कर रहे हैं। परफॉर्मेंस के आधार पर उनके विभागों की कटौती की जा सकती है।
अधिक विभागों वाले मंत्रियों के काम का होगा रिव्यू
मुख्यमंत्री खुद इस मामले में काफी बढ़-चढ़ हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग से ऐसे मंत्रियों का ब्योरा मांगा है, जिनके पास एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी है। उसके बाद यह देखा जाएगा कि किस मंत्री के विभाग का मेल आपस में संतुलन नहीं खा रहा है। उसके बाद ऐसे मंत्रियों के विभागों की बदली की जा सकती है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस समय 14 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से अधिक विभाग है।
कैबिनेट बैठक में बिना तैयारी किए पहुंचने वाले मंत्रियों पर हो सकती है कार्रवाई
ऐसा बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बात को काफी नोटिस कर रहे हैं कि कौन सा मंत्री कैबिनेट की बैठक में बिना तैयारी के पहुंच रहा है। वहीं कुछ मंत्री ऐसे भी है जिनको यह भी नहीं पता होता है कि उनका एजेंडा क्या है। इस तरह के मंत्रियों को मुख्यमंत्री ने पहले ही 10 महीने के समय दिय था कि वे अपने काम-काज को सही तरह से जान लें, लेकिन ये वक्त बीत जाने के बाद भी उन्होंने अपने काम-काज को सही तरह नहीं जाना है, इसलिए मुख्यमंत्री ने उनके विभागों का फेरबदल करने का मन बना लिया है।