नई दिल्ली। लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ने के साथ ही मजदूरों को गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे ने बताया, जोनल रेलवे, राज्य की मांग के हिसाब से ट्रेन चलाएगा। इसके लिए स्थानीय जिलाधिकारी और डीआरएम (संभागीय रेलवे प्रबंधक) एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं। जोनल सीपीआरओ इस संबंध में हर सूचना देंगे।
रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया, हमने 20 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई हैं। पांच दक्षिण के पांच राज्यों और महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से शनिवार को झारखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए 10 ट्रेनें रवाना हुईं। प्रत्येक ट्रेन में करीब 1000 से 1200 तक यात्री थे। बाकी ट्रेनें रविवार को चलाई जाएंगी। पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुक्रवार को चलाई गईं और अब ये रोज चलेंगी। राज्यों की जरूरतों को देखते हुए धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएंगी। पहली ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया के लिए चलाई गई, जो शुक्रवार देर रात हटिया पहुंची। इसी तरह महाराष्ट्र के नासिक से मध्य प्रदेश के लिए चली विशेष ट्रेन भी शनिवार सुबह भोपाल पहुंच गई। जबकि ग्वालियर से बिहार के लिए चली ट्रेन करीब 1200 श्रमिकों को लेकर शनिवार दोपहर दानापुर पहुंच गई। एक ट्रेन गुजरात के साबरमती से आगरा के लिए रवाना की गई। जबकि रविवार सुबह एक विशेष ट्रेन नासिक से लखनऊ पहुंचेगी।
रेलवे की मुसीबत, 139 नंबर पर आ रहे धड़ाधड़ फोन
श्रमिक स्पेशल ट्रेन ने रेलवे के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। ट्रेन के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रेलवे स्टेशनों के चक्कर लगाने लगे हैं। पूछताछ नंबर 139 पर भी धड़ाधड़ फोन आ रहे हैं। रेलवे का कहना है कि स्टेशन पहुंचने के बजाय श्रमिकों को अपने राज्य के नोडल अधिकारी से संपर्क साधना चाहिए। उत्तर रेलवे जनसंपर्क अधिकारी ने स्पष्ट कहा, राज्य सरकार की मंजूरी वाले व्यक्ति ही ट्रेन में यात्रा कर सकेंगे।