कलेक्ट्रेट और मेडिकल कॉलेज में कोरोना नियंत्रण कार्यों की समीक्षा की
प्रमुख सचिव श्री डी पी आहूजा ने जबलपुर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए की गई प्रशासनिक व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि हाई रिस्क व्यक्तियों की पहचान, एडवांस कांटेक्ट ट्रेसिंग और लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अपनाई गई बेहतर रणनीति की बदौलत ही कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी हद तक यहां सफलता मिल सकी है ।राज्य शासन ने जबलपुर जिले में कोरोना वायरस की निगरानी का दायित्व प्रमुख सचिव पशुपालन डी.पी. आहूजा को सौंपा है । इसी सिलसिले में श्री आहूजा आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कोरोना वायरस पर नियंत्रण को लेकर जिले में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे । इस दौरान संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी, पुलिस महानिरीक्षक भगवत सिंह चौहान, उप पुलिस महानिरीक्षक मनोहर वर्मा, कलेक्टर भरत यादव, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार, सीईओ जिला पंचायत प्रियंक मिश्रा, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, अपर कलेक्टर संदीप जीआर, सयुंक्त संचालक स्वास्थ डॉ ठाकुर, सीएमएचओ डॉ मनीष मिश्रा, नर्सिंग होम एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ जितेंद्र जामदार भी मौजूद थे ।प्रमुख सचिव श्री आहूजा ने जबलपुर में कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार तथा इनके सम्पर्क में आये लोगों के क्वारेन्टाइन की उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी बैठक में ली। उन्होंने कंटेन्मेंट जोन में डोर-टू-डोर सर्वे, ऐसे क्षेत्रों के निवासियों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तथा प्रतिबन्धों का पालन कराने किये जा रहे इंतजामों की भी समीक्षा की । श्री आहूजा ने बैठक में जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार, लॉकडाउन में आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों को प्रारंभ करने तथा दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की आपूर्ति के बारे में शासन द्वारा तय गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश अधिकारियों को दिये ।
बैठक में कलेक्टर भरत यादव ने लॉकडाउन की वजह से जिले में फंसे अन्य राज्यों सहित जरूरतमंद लोगों को भोजन व राशन मुहैया कराने की व्यवस्था की जानकारी दी । उन्होंने कहा कि जिले के हालात को सामान्य स्थिति में लाने के लिए कई प्रभावी पहल की गई है । साथ ही जिले में रोजगारमूलक गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में किये गये प्रयासों विशेषकर औद्योगिक इकाइयों को शुरू करने के लिए दी गई अनुमति का ब्यौरा दिया । कलेक्टर ने कहा कि जिले भर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं तथा खाद्य पदार्थों के परिवहन की सुगम व्यवस्था की गई है । जिले में सोशल डिस्टेंसिंग और भारत सरकार की कोरोना गाइडलाइन के तय मानकों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है ।
कलेक्टर ने बताया कि जिले में अब प्रतिदिन कोरोना टेस्ट के लिए 200 से 250 लोगों के सैम्पल परीक्षण हेतु भेजे जा रहे हैं । जिनके सैम्पल लिये जा रहे हैं उनमें से अधिकांश ऐसे लोग हैं जो या तो कोरोना पॉजिटिव पाये गये व्यक्तियों के नजदीकी संपर्क में हैं अथवा कंटेनमेंट क्षेत्र में घर-घर सर्वे के दौरान जिनकी हाई रिस्क के तौर पर पहचान की गई है । उन्होंने बताया कि जबलपुर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ने की मुख्य वजह भी यही है ।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक के पहले प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा ने मेडिकल कॉलेज के डीन कार्यालय में चिकित्सा अधिकारियों की भी बैठक ली तथा यहां कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की । उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ और नर्सों की सेवायें अच्छी रहें । मेडिकल कॉलेज के डीन और अधीक्षक यह सुनिश्चित करें । मरीजों को सीसीटीव्ही कैमरे की निगरानी में रखा जाये । सभी मरीज अनिवार्यत: मास्क पहनें । साथ ही वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थ अमले को प्रोत्साहित करते रहें । प्रमुख सचिव ने बैठक में मेडिकल कॉलेज में स्थापित की जा रही कोरोना टेस्टिंग लैब के बारे में भी जानकारी ली । बैठक में संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी, कलेक्टर भरत यादव, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. प्रदीप कसार भी मौजूद थे।