उमरिया जिला से- आसमान पर रहमतों का चांद दिखने के साथ ही माहे रमजान की शुरूआत भी हो गई और बुधवार को पहला रोजा रहा । वहीं इस वर्ष भी कोरोना के कहर को रोकने के लिए लगाए गए लॉक डाउन का पालन करने के लिए मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने घरों पर ही इबादत करना शुरू किया । उल्लेखनीय है कि जिले में कोरोना महामारी का कहर जारी है जिसके मद्देनजर इस वर्ष भी रमजान माह में मस्जिदों की बजाय समाज के लोग तरावीह की विशेष नमाज घरों पर ही अदा कर रहे हैं । इस्लामी मान्यता के अनुसार माहे रमजान को अन्य महीनों से ज्यादा और बरकत वाला माना गया है । कहा जाता है कि इस माह में की गई खुदा की इबादत बाकि महीनों से अफजल होती है, यही कारण है कि रमजान के पहले दिन से ही हर कोई अपने रब को मनाने के लिए घरों पर ही सजदे में सिर झुका रहा है ।
घरों पर पढ़ी जा रही विशेष नमाज
माहे रमजान मुबारक रमजान की शुरूआत के साथ ही 20 रकआत के साथ पढ़ी जाने वाली तरावीह की विशेष नमाज का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ईशा की नमाज के समय पढ़ी जाने वाली इस नमाज की बड़ी फजीलत है । लॉक डाउन के चलते इस वर्ष समाज के लोग घरों पर ही नमाज अदा कर रहे हैं । वहीं चांद दिखने के बाद मुस्लिमजनों ने अपने रब की रजा के लिए सेहरी करते हुए पहला रोजा रखा और रोजे का यह सिलसिला तीस दिनों तक जारी रहेगा
उमरिया से फैज मोहम्मद की रिपोर्ट