महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कोविड-19 से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को कुछ राज्यों द्वारा वापस नहीं बुलाए जाने संबंधी रूख पर शनिवार को चिंता जताई।
थोराट ने आरोप लगाया कि कई राज्यों द्वारा प्रवासी मजदूरों के बारे में मनमाने ढंग से फैसले लेने से स्थिति और खराब हो गई। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में वापस भेजने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन कई राज्य अपने लोगों को वापस बुलाने के लिए इच्छुक नहीं है।
मंत्री ने मांग की कि केंद्र को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और स्थिति बिगड़ने से पहले सभी राज्यों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लगभग 10 लाख ऐसे प्रवासी मजदूर हैं जो अपने गृह राज्य लौटना चाहते हैं। ऐसे मजदूरों को भेजने के लिए अब तक राज्य से 32 रेलगाड़ियां चलाई गई हैं।उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा से कई मजदूर ऐसे हैं जो अपने गृह राज्य जाना चाहते हैं लेकिन ये राज्य उन्हें वापस बुलाने के लिए तैयार नहीं हैं।
थोराट ने कहा कि शुरू में उत्तर प्रदेश ने अपने राज्य के लोगों को वापस बुलाने से इनकार किया था, लेकिन अब उन्होंने अपने फैसले में बदलाव किया है और हमने उन्हें वापस भेजना शुरू कर दिया है।