वायुसेना के चार जांबाज पायलट भारत के महत्वाकांक्षी मानव मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए रूस में हाड़ कंपाने वाली सर्दी और बर्फीले इलाके में गहन प्रशिक्षण ले रहे हैं। मॉस्को स्थित गागरिन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में हो रहे इस बेहद खुफिया प्रशिक्षण के दौरान ये पायलट समंदर के भीतर रहने और जंगलों में जोखिम लेने जैसे शारीरिक श्रम के अलावा उन्नत इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई कर रहे हैं। पांच वर्षों के प्रशिक्षण को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहे इन पायलटों को कई बार जान जोखिम में भी डालना पड़ रहा है।
गगनयान के लिए 2022 के शुरुआती माह का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। मिशन के तहत तीन सदस्यीय क्रू सात दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएगा। अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा। इसरो प्रमुख के सिवन ने एलान किया था कि 2022 तक गगनयान भेजा जा सकेगा। इससे पहले इसरो 2020 और 2021 में दो मानवरहित मिशन भेजेगा।भारतीय पायलटों के लिए रूसी भाषा के साथ-साथ रूसी खाना भी चुनौती बना है।