निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब निजी स्कूल संचालकों को प्रमाणित संस्थाओं द्वारा प्रकाशित किताबें ही बच्चों को पढ़ानी होंगी। यदि ऐसा न किया गया तो मान्यता रद्द कर दी जाएगी
सरकार की ओर से सभी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को केवल एनसीईआरटी, सीआईएससीई या संबंधित बोर्डों द्वारा प्रमाणित संस्थाओं द्वारा प्रकाशित किताबें लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें स्कूल प्रबंधन खरीदता है तो स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि डायरेक्टर शिक्षा विभाग (एसई) ने इस संबंध में सीबीएसई, आईसीएसई और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबंधित सभी निजी स्कूलों के मैनेजमेंट को पत्र जारी कर दिया है। प्रवक्ता के अनुसार इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करना है। कुछ निजी स्कूलों द्वारा अपने स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए निजी प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित किताबें लगाई जा रही हैं और उनको यह किताबें और वर्दियां कुछ खास दुकानों से खरीदने के लिए कहा जा रहा है।
यह किताबें विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को महंगे मूल्य पर खरीदनी पड़ रही हैं। इस बारे में मिली शिकायतों के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को खास दुकानों, फर्मों से किताबें और वर्दियां खरीदने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से मजबूर न करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। ऐसा करने की सूरत में आरोपी संस्थाओं की मान्यता, अनापत्ति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया जाएगा।