गहलोत ने कहा कि प्रवासी कामगार मजदूरों को आखिरकार अपने राज्य वापस लौटने का आदेश मिल गया है। केंद्र सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने मांग की कि मजदूरों को घर आने के लिए केंद्र सरकार रेल सेवा की इजाजत दे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में राजस्थान को अलग-अलग राज्यों से छह लाख मजदूरों का आवेदन मिला है। ये मजदूर तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम अन्य गजहों पर फंसे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को मेरी यही सलाह होगी कि रेल के जरिए इन सभी को उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया जाए।
बता दें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसे लोगों को घर जाने की अनुमति दे दी है जो लॉकडाउन के चलते अपने घरों से दूर या बाहरी राज्यों में फंसे हुए हैं। हालांकि, मंत्रालय ने अनुमति देने के साथ ही कुछ शर्तें भी लागू की हैं, जिनका पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश नोडल अधिकारी नियुक्त करें और ऐसे व्यक्तियों को भेजने या प्राप्त करने के लिए मानक प्रोटोकॉल तय करें। नोडल अधिकारी अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में फंसे हुए लोगों को पंजीकृत करें।
ऐसी स्थिति में जब कुछ लोगों का एक समूह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहता हो तो इसकी अनुमति के लिए दोनों राज्यों को एक दूसरे से संपर्क करना होगा और सड़क मार्ग से परिवहन के लिए सामूहिक अनुमति देनी होगी।