कलेक्टर भरत यादव ने शहर में स्थित सभी निजी अस्पतालों से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की लड़ाई में सहभागिता निभाने की अपील की है। श्री यादव ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में शहर के बड़े निजी अस्पतालों के संचालकों से कहा कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के प्रयासों में एकजुट होकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें।
श्री यादव ने बैठक में कहा कि निजी अस्पतालों को अपने यहां पदस्थ चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को इसके लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को अपने स्टॉफ को यह बताना होगा कि कोरोना वायरस से डरने जैसी कोई बात नहीं है बल्कि ऐसी विषम परिस्थितियों में सबसे पहले उन्हें आगे आकर अपना फर्ज निभाना चाहिए। कलेक्टर ने निजी अस्पतालों में ओपीडी को निरंतर जारी रखने की अपील अस्पताल संचालकों से की। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की लड़ाई में निजी अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा भी की।
बैठक में निजी अस्पतालों के चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के प्रशिक्षण देने का शेड्यूल तैयार करने के निर्देश दिये गये । निजी अस्पतालों के स्टॉफ को प्रशिक्षण की जिम्मेदारी डॉ. डी.पी. लोकवानी को दी गई । इसके लिए पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन तैयार करने की बात भी कही गई । बैठक में निजी अस्पतालों को सामान्य सर्दी, खांसी एवं बुखार वाले मरीजों का उपचार करने के निर्देश भी दिये गये । अस्पताल संचालकों से कहा गया कि वे ऐसे मरीजों को अपने यहां भर्ती भी करें । सिम्टम्स दिखने पर उन्हें विक्टोरिया या मेडिकल रेफर न करें बल्कि सेम्पल की रिपोर्ट आने तक उनको वहीं आइसोलेट कर उनका इलाज करें ।
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस से डर कर यह जंग नहीं जीती जा सकती । उन्होंने कहा कि डरने की अपेक्षा सतर्कता और सावधानी बरतने की ज्यादा जरूरत है । यह ऐसी बीमारी नहीं है कि इससे निजात नहीं पाई जा सकती है । जबलपुर में पाये गये आठों कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य में हो रहा सुधार इसका उदाहरण है ।
बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, अपर कलेक्टर संदीप जीआर, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. प्रदीप कसार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. जीतेन्द्र जामदार, डॉ. राजेश धीरावाणी, डॉ. व्ही.के. पांसे, सरबजीत सिंह मोखा एवं अन्य निजी अस्पतालों के संचालक मौजूद थे ।